कमल हसन को भारतीय फ़िल्मी जगत में पुरस्कार विजेता एक्टर के रूप में जाना जाता है। Kamal Haasan ने अभिनेता, डायरेक्टर के साथ पटकथा लेखक, गीतकार, प्लेबैक और कोरियोग्राफर के रूप में काम किया है। उन्होने अपनी फिल्म निर्माता कंपनी ‘राजकमल इंटरनेशनल’ के अंतर्गत बहुत से अच्छी फिल्मो का निर्माण किया है। उन्होंने अपने 63वें जन्म दिन के मौके पर एक ऐप को लॉन्च किया था जिसका नाम है ‘मय्यम व्हिसल’ (केंद्र व्हिसल) है। कमल हसन को दक्षिण भारतीय फिल्मों में सबसे अधिक अनुभवी अभिनेता के नाम से जाना जाता है।

कमल हासन ने बाल कलाकार के तौर पर अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत कर दी थी। इतना ही नहीं इनको बचपन में ही देश के राष्ट्रपति से गोल्ड मेडल मिला था। पिछले चार दशकों से कमल ने अपने फ़िल्मी करियर में बहुत सी उम्दा फिल्मे देकर दर्शको का मन मोहा है। किन्तु फ़िल्मी दुनिया का एक सुपरस्टार बनने की यात्रा एकदम आसान नहीं रही है। दक्षिण की क्षेत्रीय भाषाओ से बॉलीवुड की फिल्मो में विचित्र विषय एवं अभिनय के सफर ने उनको ‘महानायक’ के रूप में प्रतिष्ठित किया। अपनी बहुमुखी प्रतिभा से कमल हसन ने दक्षिण के साथ समूचे भारत के लोगों को अपना दीवाना बनाया है।
Kamal Haasan Biography
असली नाम | पार्थसारथी श्रीनिवासन |
जन्म-तिथि | 7 नवंबर 1954 |
जन्म-स्थान | परमकुड़ी, तमिलनाडु (भारत) |
धर्म | हिन्दू |
प्रसिद्ध नाम | यूनिवर्सल हीरो |
कार्य | अभिनेता, डायरेक्टर, निर्माता एवं समाज सेवा |
पहली फिल्म | कलत्तूर कन्नम्मा (1959) |
प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा
कमल हसन का जन्म 7 नवंबर 1954 में दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य के परमकुड़ी में हुआ था। इनके पिता का नाम डॉ श्री निवासन एवं माता का नाम राजलक्ष्मी था। इनके पिता ख्यातिप्राप्त वकील एवं स्वतंत्रता सेनानी थे। उनके पिता की यह इच्छा थी कि उनके तीन बच्चों में से कम से कम एक फिल्मों में अभिनेता बने। इसी इच्छा को पूरा करने के लिए उन्होंने कमल हसन को अभिनेता बनाने का फैसला किया।
जीवन के कुछ शुरूआती वर्ष अभिनय कर लेने के बाद कमल ने पुरे 9 वर्षो तक फिल्मो से दुरी बनाते हुए अपनी शिक्षा को पूरी करने का फैसला किया। पिछली सदी में सत्तर का दशक आने पर उनके पिता ने फिल्मो में काम करने पर जोर दिया। इसी बीच उन्होंने अपने पिता की सलाह पर नृत्य कला को सीखना शुरू किया। इसके बाद कमल ने कुछ फिल्मो में बतौर डांस असिस्टेंट डायरेक्टर का भी काम किया।
कमल हसन का फ़िल्मी जीवन
- कमल के फ़िल्मी जीवन की शुरुआत साल 1960 में एक बाल कलाकार की भूमिका में फिल्म ‘कलाधुर कमन्ना’ से हुई। मात्र 4 साल की आयु में सुप्रसिद्ध डायरेक्टर ए. भीम के निर्देशन में बनी इस फिल्म में जबरदस्त अभिनय कला का प्रदर्शन करते हुए सभी दर्शकों का दिल जीत लिया। अपनी पहली ही फिल्म में कमल को दिग्गज अभिनेता जेमिनी गणेशन के साथ काम करने का अवसर मिला। इस फिल्म में अभिनय के लिए उनको राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला। अपनी पहली ही फिल्म में बाल कला दिखाने के बाद कमल हसन को थयइल्ला पिल्लई (1961), पारथल पसी थिरुम (1962), पथा कन्नीकई (1962) और वनमबाड़ी (1963) में बाल कलाकार की भूमिका मिली। इस प्रकार से वे बचपन से ही फ़िल्मी दुनिया में अभिनय से परिचित हो गए थे।
- पढ़ाई के लिए ब्रेक लेने के बाद कमल ने साल 1972 में कम बजट की फिल्मो के साथ अभिनय को शुरू किया। इन सभी फिल्मों में वो सहायक रोल प्ले करते देखे गए। इनमे से कुछ फिल्में अरंगेट्रम और सोल्लतान निनइकिरेन थी, इस प्रकार से उनकी आखिरी सहायक किरदार वाली फिल्म अवनिल्लै थी। इसके बाद साल 1975 की फिल्म अपूर्वा रंगनागल में लीड रोल करते हुए अपनी पहचान को स्थापित किया। इस मूवी में वह एक ऐसे बागी युवक की भूमिका करते दिखे जो अपने से अधिक उम्र की महिला से प्रेम करता है।
- इसके बाद साल 1977 में आयी फिल्म ’16 भयानिथानिले’ की अच्छी कलेक्शन ने कमल हसन को एक स्टार अभिनेता बना दिया। इस फिल्म की कहानी एक ऐसे युवक की रही जो गाँव की एक युवती को छुड़ाने के लिए दबंग आदमी से टक्कर लेता है और उसकी हत्या के बाद जेल चला जाता है। इस फिल्म में दबंग आदमी के रोल में सुप्रसिद्ध अभिनेता रजनीकांत थे और युवती के रोल में श्रीदेवी थी। साल 1981 में कमल की पहली हिंदी फिल्म सुपर हिट सिद्ध हुई। उनको निर्माता एल.वी प्रसाद की फिल्म ‘एक दूजे के लिए’ में लीड रोल मिला। इस फिल्म की कहानी एक ऐसे नौजवान की थी जो एक दूसरे धर्म की युवती से प्रेम करता है। लेकिन उनके घरवाले इस प्रेम विवाह के सख्त खिलाफ है। इस फिल्म से कमल हसन ने हिंदी दर्शको पर अच्छा प्रभाव डाला।
- साल 1982 में कमल ने एक हिट तमिल फिल्म ‘मुन्दरम पिलई’ के लिए पहली बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के राष्ट्रीय पुरस्कार को हासिल किया। इसके बाद साल 1983 में उनकी एक जबरदस्त मार्मिक फिल्म सदमा रिलीज़ हुई। इस फिल्म में वे एक ऐसे व्यक्ति की भूमिका में थे जो याददाश्त खो देने वाली युवती को प्रेम करने लगते है। किन्तु जब सहारा मिलने के बाद वो युवती फिर से ठीक हो जाती है तो वह उनको नहीं पहचानती है। ये सदमा वह युवक सहन नहीं कर पाता है और पागल हो जाता है। खास बात यह रही कि ये फिल्म अच्छा कलेक्शन नहीं कर पाई फिर भी लोग इस फिल्म को उनकी श्रेष्ठ फिल्म मानते है।
- इसके बाद साल 1985 की एक अन्य हिंदी फिल्म ‘सागर’ में ऋषि कपूर और डिम्पल कपाड़िया के साथ मुख्य भूमिका में दिखे। यह फिल्म भी दर्शको पर जादू चला पाने में असफल रही। लेकिन कमल के काम को सभी ने काफी तारीफे मिली। इस फिल्म में अभिनय के लिए कमल को फिल्म फेयर पुरस्कार मिला और उनका नाम सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के रूप में नामित हुआ। इसी साल उनकी एक अन्य सुपरहिट मूवी ‘गिरफ्तार’ रिलीज़ हुई। इस फिल्म में उनको सुप्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन के साथ अभिनय का मौका मिला।
- साल 1987 कमल के फ़िल्मी जीवन का बहुत यादगार साल है चूँकि इस वर्ष उनकी एक ऐसी फिल्म दर्शको के सामने आई जो किसी भाषा में नहीं थी। यह एक मूक फिल्म थी जिसका नाम पुष्पक था। इस फिल्म में कमल में अपने अभिनय से देखने वालो को आश्चर्य में डाला था। इस साल कमल ने मणिरत्नम की फिल्म ‘नायकन’ में भी अभिनय दिखाया। इस फिल्में उन्होंने के एक सशक्त अभिनय दिखाते हुए अपने को देश के महान अभिनेता के रूप में प्रदर्शित किया। इस फिल्म में लिए कमल को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला। इस फिल्म को निर्माता-निर्देशक फ़िरोज़ खान ने हिंदी में ‘दयावान’ के नाम से बनाया।
- साल 1990 में उनकी एक और हैरान करने वाली फिल्म ‘अप्पू राजा’ आई जिसमें कमल ने अपने अभिनय से दर्शको का मन मोह लिया। इस फिल्म में वे तीन अलग-अलग भूमिका में दिखे और फिल्म में ऊँचे-बौने व्यक्ति के किरदार से उन्होंने देखने वाले लोगो को हैरान और प्रभावित कर दिया। खासकर तीन फुट के व्यक्ति का किरदार तो बहुत अलग था।
- साल 1996 में उनके करियर की अन्य फिल्म ‘इंडियन’ आई जिको एस. शंकर ने डायरेक्ट किया था। वे इस फिल्म में एक ऐसे बूढ़े व्यक्ति के रोल में दिखे जो देश में फैली सामाजिक अव्यवस्था को जड़ से उखाड़ने का प्रयास करता है। वो व्यक्ति इस काम के लिए अपने बेटे तक को मारने से भी पीछे नहीं हटता है। इस फिल्म में दमदार अभिनय कला दिखाने के लिए वो कमल को तीसरी बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में पुरस्कार मिला।
- साला 1998 में कमल ने फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा और ‘चाची 420’ जैसी विचित्र फिल्म में शानदार अभिनय और डायरेक्शन दिखाया। अपने फ़िल्मी करियर में देखने वालो के लिए कुछ नया और मजेदार देने वाले कमल इस फिल्म में एक बूढ़ी महिला के किरदार के साथ फिल्म के नायक भी बने। उनके महिला वाले किरदार ने तो देखने वालो का दिल जीत लिया।
कमल हसन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
- कमल हसन ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत मात्र 4 वर्ष की उम्र में “कलत्तुर कन्नम्मा” फिल्म में बाल अभिनय से कर दी थी। साथ ही एक बाल कलाकार के रूप में 5 अन्य फिल्मो के काम किया।
- इस फिल्म में अच्छे प्रदर्शन के लिए उनको देश के राष्ट्रपति जी से स्वर्ण पदक भी मिला था।
- वे 18 फिल्मफेयर पाने वाले भारतीय अभिनेता है। इनके बाद प्रसिद्ध संगीतकार ए.आर. रहमान का नाम आता है जिनको 14 फिल्मफेयर पुरस्कार मिले है।
- इन्हे अपने फ़िल्मी जीवन में 3 बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है।
- इनकी पहली रंगीन फिल्म पुष्पक विमान है।
- वे 7 बार ऑस्कर के लिए नामित करने वाले भारतीय अभिनेता है।
- इनकी फिल्म ‘नायगन’ को विश्वप्रसिद्ध टाइम्स मैगजीन ने 100 सर्वश्रेष्ठ फिल्म की सूची में शामिल किया है।
- साल 1997 में कमल ने क्वीन एलिज़ाबेथ-2 के ऊपर के फिल्म “Marudhanayagam” का भी निर्माण किया है जो कि अभी तक पूरी नहीं बनी है।
- उन्होने जन कल्याण के कार्यों के लिए एक संस्था बनाई है – कमल नरपानी लयक्काम ओर्गनइजेस ब्लड एन्ड आई डोनेशन कैंपेन।
- वे अपनी फिल्म दशावतार में दस लोगों की भूमिका निभा चुके है।
- कमल के नाम हिंदी, मलयालम, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ एवं बांग्ला भाषा की फिल्मे है।
- साल 1994 में वे ऐसे एक्टर रहे थे जिन्होंने 1 करोड़ वेतन पाया था।
- वे अपनी मृत्यु के बाद अपनी बॉडी को मद्रास के मेडिकल कॉलेज को दान देने वाले है।
- इनकी राजा पारवाई फिल्म पहली भारतीय फिल्म है जिसमे एनीमेशन एवं विशुअल इफेक्ट्स है।
- अपने पुरे फ़िल्मी करियर में स्टंट करने के दौरान 30 बार वे अपनी हड्डी टुटवा चुके है।
- वे पूरी तरह से नास्तिक प्रवृति के व्यक्ति है, वे किसी प्रकार के भगवान नहीं मानते है।
- साल 2018 में अपनी राजनीतिक पार्टी “मक्कल निधि मय्यम” को बनाते समय उन्होंने इसकी जिम्मेदारी के लिए फ़िल्मी जगत को छोड़ने की बात कही थी।
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कमल हसन से जुड़े कुछ विवाद
- इनकी फिल्म हे राम में गाँधीजी की भूमिका पर छवि को नकारात्मक तरीके से पेश करने का आरोप लगाकर कुछ राजनीतिक दलों का विरोध हुआ था।
- साल 2004 में पुथिया तमिलगाम की राजनैतिक पार्टी ने इनकी फिल्म “सैंडीयार टू विरुमंडी” पर नाम को लेकर आपत्ति जताते हुए बदलने की माँग की थी। उनका मानना था कि ये फिल्म शीर्षक एक विशेष जाति वर्ग का अपमान करता है।
- साल 2004 में अपनी फिल्म विश्वरूपम के लिए तमिलनाडु छोड़ने की धमकी मिली थी। इस फिल्म को लेकर हिन्दू राजनैतिक दल, थिएटर्स ऑनर्स एसोसिएशन एवं मुस्लिम संगठनों को आपत्ति थी।
- साल 2017 में हिन्दू मक्कल काची की ओर से कमल हसन के ‘बॉस तमिल-1’ की मेजबानी में तमिल संस्कृति को कलंकित करने को लेकर शिकायत दर्ज़ हुई थी।
कमल हासन जीवन परिचय से सम्बंधित प्रश्न
कमल हसन की पत्नी कौन है?
कमल ने जीवन में दो बार विवाह किया। उनकी पहली पत्नी वाणी गणपति थी और दूसरी पत्नी सारिका ठाकुर।
कमल हसन की कितनी संताने है?
इनकी एक बेटी श्रुति हसन और अक्षरा हसन है, दोनों ही अभिनेत्री है।
कमल हसन की पहली रंगीन फिल्म कौन सी है?
इनकी पहली रंगीन फिल्म पुष्पक विमान है।