यदि 20वी शताब्दी के इतिहास को पढ़ें तो बहुत से वैज्ञानिक आविष्कार देखे जाते है। परन्तु मानव सभ्यता के इतिहास एवं भविष्य को पूरी तरह बदलने वाला आविष्कार था – परमाणु बम। परमाणु बम एवं बम के प्रयोग की खबर सुनते ही सभी लोगो को मृत्यु का भय लगने लगता है। एक देश के परमाणु बम के बना लेने के बाद अन्य देशों ने भी राष्ट्र की सुरक्षा की बात कहते हुए अपना परमाणु बम कार्यक्रम शुरू कर दिया। इसके परिणामस्वरूप आज बहुत से विकसित एवं विकासशील देशों के पास भारी मात्रा में परमाणु बम हथियार उपलब्ध है। अब यह तथ्य स्ववभाविक रूप से मन में आता है कि परमाणु बम क्या है व इसका इतिहास क्या है?
विश्व के विभिन्न देशों ने बहुत से बमों का निर्माण किया है इसी श्रृंखला में हाइड्रोबम भी एक है। यह बम एक थर्मो परमाणु बम है चूँकि इसका विस्फोट फ्यूज़न प्रक्रिया से होता है। परमाणु बम से सम्बंधित सबसे प्रसिद्ध घटना वर्ष 1945 में द्वितीय विश्वयुद्ध के अंतिम समय में अमेरिका द्वारा जापान के दो शहरो नागाशाकी एवं हिरोशिमा पर इसका प्रयोग है। लेख के अंतर्गत परमाणु बम क्या है व इसका इतिहास विषय पर प्रकाश डालने का प्रयास किया जायेगा।

Kargil War Vijay Diwas Essay History in hindi
लेख का विषय | परमाणु बम और इसका इतिहास |
उद्देश्य | परमाणु बम की मुख्य जानकारी देना |
लाभार्थी | सभी लोग |
श्रेणी | शैक्षिक |
परमाणु बम के अविष्कारक | जूलियस रोबर्ट ओपेनहाइमर |
पहला परमाणु बम विस्फोट | 16 जुलाई 1945 |
परमाणु बम वेबसाइट | http://www.atomicarchive.com |
परमाणु (हाइड्रोजन) बम की क्रिया प्रणाली
परमाणु बम की विस्पोटक प्रणाली नाभिकीय अभिक्रिया पर आधारित होती है। विस्फोट करने एवं ऊर्जा पैदा करने के लिए दो प्रकार नाभिकीय संलयन एवं नाभिकीय विखंडन अथवा दोनों प्रकार की अभिक्रिया करते है। सभी प्रकार से अभिक्रिया पूर्ण होने पर थोड़ी सी सामग्री से भारी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है। एक हज़ार किलो बड़ा नाभिकीय बम कई अरब किलो के परंपरागत विस्पोटक के बराबर ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है। हाइड्रोजन बम के विस्फोट की प्रक्रिया को नाभिकीय विखंडन विधि से किया जाता है। यह नाभिकीय संलयन की तुलना में कई गुना अधिक ऊर्जा उत्पन्न करता है।
भौतिकी के अनुसार सभी वस्तुएँ तीन द्रव्यों इलेक्ट्रान, प्रोटोन, न्यूट्रॉन से मिलकर बनी है। प्रोटोन एवं न्यूट्रॉन केंद्र में बँधे रहते है जिसे नाभिक (Nucleus) कहते है और इलेक्ट्रान नाभिक के चक्कर लगता है। यह सभी प्रक्रिया उच्च क्षमता वाली माइक्रोस्कोप से ही देखी जा सकती है। किसी भी नाभिक को तोड़ने के लिए न्यूट्रॉन को तलवार की तरह प्रयोग करके अधिक मात्रा में ऊर्जा प्राप्त करते है। टूटे हुए नाभिक से निकलने वाले न्यूट्रॉन और नाभिको को तोड़ते है, इस प्रकार से एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया शुरू होती है। इस प्रकार से तब तक विखंडन होता रहता है जब तक नाभिक मौजूद है। इस प्रकार इस प्रकार से किये जाने वाले विस्फोट को “हइड्रोजन बम” विस्फोट कहा जाता है।
परमाणु बम की खोज का इतिहास

दुनिया के पहले परमाणु बम का आविष्कार अमेरिका के वैज्ञानिक जूलियस रोबर्ट ओपेनहाइमर ने किया था। इससे पहले 1942 में परमाणु भट्टी के खोजी एनरिको फर्मी ने शिकागो विश्वविद्यालय में परमाणु विघटन की नियंत्रण श्रृंखला प्रक्रिया का सफल परीक्षण किया था। इस घटना से परमाणु बम बनने का मार्ग और आसान हो गया। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान पश्चिमी देशो के हालात बहुत भयंकर हो रहे थे। हिटलर की तानाशाही से परेशान होकर जर्मनी के शीर्ष वैज्ञानिक देश छोड़ रहे थे, इनमे से एक ऐतिहासिक वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन भी थे।
इसी समय जापान एवं जर्मनी ने संधि कर ली और अमेरिका के बंदरगाहों पर बम से हमला करने लगे। आइन्स्टीन ने तत्कालीन राष्ट्रपति रूजवेल्ट को एक पत्र लिखा जिसमे निकट भविष्य में यूरेनियम के नए एवं शक्तिशाली स्त्रोत के रूप में प्रयोग होने की संभावना प्रकट की। राष्ट्रपति ने तुरंत न्यू मैक्सिको में “मनहट्टन परियोजन” (Manhattan Project) की शुरुआत कर दी। योजना के निदेशक रोबर्ट ओपेनहाइमर एवं उप-निदेशक एनरिको फर्मी नियुक्त हुए। इस परियोजना के अंतर्गत 16 जुलाई 1945 के दिन ओपेनहाइमर ने पहले परमाणु बम का परीक्षण करके ऐतिहासिक घटना को संम्भव कर दिखाया।
परमाणु बम का पहला विस्फोट
अमेरिका ने पहले परमाणु विस्फोट को 16 जुलाई 1945 के दिन न्यू मैक्सिको से दक्षिण में 210 मील दूर एक स्थान पर किया था। यह रेगिस्तानी स्थान “जोर्नाड डेल” के नाम से प्रसिद्ध है। इस दिन सुबह 5:30 बजे बम का पहला विस्फोट किया गया इस दौरान ओपेनहाइमर विस्फोट स्थल से 9 मील दूर परीक्षण कक्ष में मौजूद थे। इस परीक्षण को “ट्रिनिटी” नाम दिया गया। धमाका हो जाने के बाद जूलियस ओपेनहाइमर को भयंकर गर्मी का अनुभव हुआ। बम ने अपने ऊपर की ओर 40 हज़ार फ़ीट ऊँचाई पर एक धुँए का बदला सा बना दिया। वहाँ पर स्थित 100 फीट ऊँची मीनार विस्फोट के बाद पूरी तरह से खत्म हो गयी। विस्फोट के स्थान की मिट्टी एवं डामर गर्मी से पिंघलकर हरे काँच में परिवर्तित हो गयी।
यहाँ पर मौजूद सभी जीव-जंतु की मृत्यु हो गई और जमीन के नीचे रहने वाले सांप और अन्य जीव भी मर गए। विस्फोट के स्थान से 30 मील की दुरी पर स्थित जानवरों के भी बाल उड़ गए। और इसकी चमक को 450 मील की दुरी से भी देखा जा सकता था। विस्फोट का असर इतना खतरनाक था कि परीक्षक दल कई मील दूर होने पर भी कुछ देर के लिए अंधा हो गया था।
परमाणु बम से सम्बंधित कुछ तथ्य
हइड्रोजन (परमाणु) बम धरती के सबसे खतरनाक हथियारों में से एक है। इसके माध्यम से एक शहर या एक पुरे क्षेत्र को पूरी तरह से मिटाया जा सकता है। एक बार में ही कई लाख लोगो को मारकर उस जगह की आने वाली कई पीढ़ियों को भी नुकसान पहुँचा सकता है। परमाणु बम के कई और तथ्य इस प्रकार से है –
- परमाणु बम के विस्फोट के बाद उस स्थान के आसपास का तापमान कर करोड़ डिग्री सेल्सियस तक पहुँचता है।
- विस्फोट से निकलने वाली गर्मी मानवों के शरीर के सभी ऊतकों (टिशुस) को गैस में बदल देती है।
- किसी भी इमारत में रहने वाले लोगों को विस्फोट के समय वेव्स एवं गर्मी का सामना करना पड़ता है। साथ ही इमारत में स्थित सभी ज्वलनशील पदार्थ जल जाता है और इमारत भी क्षतिग्रस्त हो जाती है।
- जमीन के नीचे रहने वाले लोगों को ऑक्सीजन की कमी की भारी का सामना करना पड़ता है।
- परमाणु बम के विस्फोट के बाद बचे इंसानो को भयंकर पीड़ा, चोट, अंधेपन इत्यादि का सामना करना पड़ता है।
- विस्फोट से निकलने वाली तरंगे कैंसर जैसी बिमारी का खतरा बढ़ा देती है। और आने वाले 20 वर्षो तक विकलांग लोगों की संख्या बढ़ जाती है।
- विस्फोट से पप्रभावित क्षेत्र में सही प्रकार से खेती नहीं की जा सकती है और वहाँ के पेड़ भी सही प्रकार से ग्रोथ नहीं करते है।
- परमाणु बम दुनिया अथवा किसी देश के लिए बहुत विनाशक हो सकता है। रेड क्रॉस संघटन के अनुसार यदि दुनिया में कभी परमाणु युद्ध हुआ तो लगभग एक अरब लोगों को भुखमरी का सामना करना होगा।
विभिन्न देशों के परमाणु हथियारों की संख्या
क्रमांक | देश का नाम | हथियारों की संख्या | प्रथम परीक्षण वर्ष |
1 | अमेरिका | 6,600 | 1945 |
2 | रूस | 6,800 | 1949 |
8 | इजराइल | 400 | 1960-79 |
4 | फ्रांस | 300 | 1960 |
5 | चीन | 270 | 1964 |
परमाणु बम से सम्बंधित प्रश्न
पहला परमाणु बम विस्फोट किस वैज्ञानिक ने किया था?
अमेरिका के प्रसिद्ध वैज्ञानिक जूलियस रोबर्ट ओपेनहाइमर को परमाणु बम के प्रथम परीक्षण का निदेशक बनाया गया था।
परमाणु बम क्या होता है?
परमाणु बम में यूरेनियम अथवा प्लूटोनियम को विस्फोटक सामग्री के रूप में प्रयुक्त करते है। इनके परमाणु विखण्डन से ही बहुत अधिक शक्ति पैदा करवाई जाती है। इसके लिए परमाणु के नाभिक को तोड़ने के लिए में न्यूट्रॉन को डालते है।
हाइड्रोजन बम के अन्य नाम क्या है?
एक हाइड्रोजन बम को परमाणु बम, एच-बम, थर्मोन्युक्लियस बम कहते है।
रोबर्ट ओपेनहाइमर ने परमाणु बम विस्फोट के समय क्या कहा था?
रोबर्ट ओपेनहाइमर ने विस्फोट के समय भगवत गीता का श्लोक 12 पढ़ा था जिसका मतलब है, आकाश में हजार सूर्यों के एक साथ उदय होने से उत्पन्न जो प्रकाश हो, वह भी उस विश्वरूप परमात्मा के प्रकाश के सदृश्य कदाचित ही होगा।