दुनिया के सबसे मंहगे जेमस्टोन्स | Expensive Gemstones in the World in Hindi

सामान्यतया ज्यादातर लोगो को कीमती हीरे के बारे में सिर्फ हीरे का ही नाम मालूम होता है। किंतु हीरे के अतिरिक्त भी दुनिया में अन्य कीमती रत्न (Expensive Gemstones) होती है। ये रत्न बेस कीमती तो होते ही है साथ ही इनका मूल्य भी ज्यादा होता है। कोई भी इंसान इन रत्नों की कीमत को जानकर हैरत में पड़ सकता है। ज्योतिष विज्ञान में रत्नों का विशेष स्थान है चूँकि हर ग्रह के लिए एक खास रत्न प्रतिनिधि करता है। इस रत्न से उस ग्रह से बुरे प्रभाव कम होते है और अच्छे प्रभाव मिलने लगते है। इसके अतिरिक्त इन रत्नों को शौक एवं फैशन के लिए आभूषण के रूप में भी इस्तेमाल करते है।

expensive gemstones in the world in hindi
Expensive Gemstones in the World

दुनिया के सबसे मंहगे जेमस्टोन्स

जेरमेजेवाइट

यह रत्न एल्युमिनियम परिवार का सदस्य है जिसमे फ्लोराइड एवं हइड्रोऑक्साइड होते है। साल 1883 में साइबेरिया के आड़ून – चीलोन पर्वत पर इस रत्न की खोज हुई थी। ये रत्न क्वाटर्ज की भाँति कठोर होता है। यदि इस रत्न की मोह स्केल पर कठोरता मापी जाए तो यह 6.5 से 7.5 के मध्य आती है। इस प्रकार से इस रत्न को गहने बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। इसकी शुद्धता के अनुसार इसकी मार्किट में कीमत 2000 डॉलर प्रति कैरेट तक हो जाती है।

फायर ओपेरा

यह रत्न कोई खनिज ना होकर एक उप-खनिज है। इसमें अनुय खनिजीय पदार्थ की तरह कोई भी क्रिस्टलीय संरचना नहीं पाई जाती है। इसका केमिकल नेम SiO2nH2O है और ये उपखनिज सिलिका (रेत) के हाइड्रेट एवं हइड्रोक्साइड के मिश्रण से बनता है। ओपेल बहुत से रंगों में आता है और इसका रंग इसके माहौल एवं जगह पर निर्भर करता है। बहुत से रंगों में आने के कारण यह रत्न भी विभिन्न सुन्दर गहनों के निर्माण में काम आता है। मार्किट में अपनी क्वालिटी के हिसाब से इस रत्न का मूल्य 2,300 डॉलर्स प्रति कैरेट तक हो जाती है।

पाउडेरेटाइट

इस रत्न को भी दुनिया के कीमती रत्नों में गिना जाता है। ये रत्न अच्छी गुणवत्ता होने पर मार्केट में 3 हजार डॉलर्स प्रति कैरेट की कीमत तक मिल सकता है। यह रत्न पहली बार साल 1960 में कनाडा के क्यूबेक में मोंट सेंट हिलेरी में मिला था किन्तु हाई क्वालिटी के पाउडेरेटाइट की खोज करीबन 40 वर्षों बाद मोगोक (म्यांमार) में हुई जोकि 9.41 कैरेट का था। ये एक गुलाबी रंग का रत्न है जिसे गहनों के उद्योग में अच्छी भागीदारी मिल जाती है। मोह स्केल पर इस रत्न की कठोरता 5.0 तक आती है। इस रत्न का रासायनिक सूत्र KNa2B3Si12O30 है।

बेनिटोआइट

एक चमकदार नीले रंग का रत्न होने के कारण लोगों की आँखों को बहुत सुहाता है। इस रत्न का रासायनिक सूत्र BaTiSi3O9 है। ये बोरियम, टिटैनियम एवं सिलिका (रेत) के मिश्रण से अपने मूल भाई रत्न सर्पेन्टाइन से बनता है। ये उसकी तुलना में अधिक समय तक ठन्डे माहौल में रहता है। इस कारण से सर्पेन्टाइन को हइड्रोथर्मल प्रभाव की वजह से अपना अंतिम रूप मिलता है। एक दुर्लभ खनिज होने पर इसको केलिफोर्निया के सान बेनिटो से खोजा गया था। इस रत्न को इसी शहर ने नाम से बेनिटोआइट नाम दिया गया है। एक खूबसूरत एवं चमकदार नीली आकृति के कारण इस रत्न को 4,000 हजार डॉलर्स प्रति कैरेट तक की कीमत में बेचा जाता है।

मसग्रेवाइट

इस रत्न को साल 1967 से पहले ऑस्ट्रेलिया में खोजै गया था और इसके बाद सही यह रत्न भी उद्योग जगत में अच्छी जगह बना पाने में सफल रहा था। इस रत्न का रासायनिक नाम Be(Mg, Fe, Zn)2Al6O12 होता है। एक दुर्लभ एवं कीमती पत्थर होने पर यह टेफ़ायद परिवार का मेंबर है। ये रत्न एक एल्युमिनियम का ऑक्साइड होता है और इसमें मैग्नेशियम, आयरन एवं जिंक तत्व पाए जाते है। एक उच्च गुणवत्ता का मसग्रेवायत रत्न मार्केट में 6 हजार प्रति कैरेट की कीमत पर मिल सकता है।

रेड बेरिल

रेड बेरिल भी एक कीमती रत्न की लिस्ट में शामिल होता है जिसका रासायिक नाम Be3Al2Si6O18 होता है। ये बेरेलियम, एल्यूमिनियम एवं सिलिकेट के मिश्रण से निर्मित होता है। विशुद्ध बेरिल के मामले में इसमें कोई रंग नहीं होता है किन्तु इसके भीतर अन्य तत्वों की उपस्थिति होने पर इसे अलग रंग मिल जाता है। सबसे पहले इस रत्न की खोज उटाह के थॉमस रेंज में हुई थी। इस समय इस रत्न की बाजार में कीमत 10 हजार डॉलर्स प्रति कैरेट तक मिल सकती है। वर्तमान समय तक इस रत्न के 2 से 3 कैरेट से अधिक आकार में खोज नहीं हुई है।

यह भी पढ़ें
भारत की सबसे बड़ी कंपनी कौन सी है
भारत के प्रमुख समाधि स्थल एवं संबंधित व्यक्ति
वर्तमान में भारत में कुल कितने जिले है
भारत में यातायात के नियम, चिन्ह, अर्थ
भारत में कितने प्रकार के पासपोर्ट होते है? इनकी खाशियत

एलेक्जेन्ड्राइट

एलेक्जेन्ड्राइट का नाम सिकंदर के इंग्लिश नाम से मिलने के बावजूद उससे कुछ सम्बन्ध नहीं है। इसको सबसे पहले रूस के यूराल पहाड़ों से साल 1830 में खोजै गया था। इस रत्न का रासायनिक नाम BeAl2O4 है। ये रत्न बेरियम एवं एल्यूमिनियम का मिश्रण होता है। इस रत्न की मांग इस कारण से भी ज्यादा रहती है कि इसमें अपना रंग बदलने की क्षमता होती है। अपनी रौशनी प्रदर्शन में यह पत्थर एमरेल्ड की भाँति दिखता है। अँधेरा होने पर यह रत्न रंग बदलकर लाल रूबी के जैसा दिखने लगता है। ज्वेलरी इंडस्ट्री में इस रत्न की कीमत 12,000 डॉलर प्रति कैरेट तक जा सकती है। किन्तु एक बड़े पत्थर के रूप में इस रत्न की कीमत 70,000 डॉलर की कीमत मिल सकती है।

हीरा (Diamond)

पूरी दुनिया में हीरा सबसे लोकप्रिय रत्न है जिसका नाम लगभग हर इंसान जानता है। हीरे को इसकी खूबियों की वजह से सदियों तक लोकप्रियता मिलती आयी है। यह रत्न जितना खूबसूरत होता उतना ही मजबूत भी, शायद ये दोनों ही वजह एक साथ होने पर इसको पूरी दुनिया में सबसे अधिक बिकने वाले रत्न के रूप में जाना जाता है। वैज्ञानिक धरना के मुताबिक करीबन 3 बिलियन वर्ष पहले धरती के गर्भ में तेज़ ताप एवं दाब के कारण इन पत्थरों की रचना हुई थी। अपनी अच्छी गुणवत्ता एवं चमक के अनुसार हीरा मार्किट में 15 हजार डॉलर प्रति कैरेट के मूल्य तक मिल जाता है।

सेरेंडिबाइट

इस रोचक एवं बड़े रासायनिक नाम रखने वाले इस रत्न की खोज साल 1902 में दक्षिण एशिया के छोटे से देश श्रीलंका में हुई थी। इस रत्न का रासायनिक नाम (Ca,Na)2(Mg,Fe2+)3(Al,Fe3+)3[O2|(Si,Al,B)6O18 है और यह एक दुर्लभ एवं कीमती रत्न है। इसके सूत्र को ही देखकर जान सकते है कि ये रत्न कैल्शियम, बोरोन, एल्युमिनियम, मैग्नीशियम और फेरम इत्यादि धातुओं के मिश्रण से बनकर तैयार हुआ है। वर्तमान समय में ही इस रत्न की खोज मोगोक क्षेत्र में भी हुई है। एक कीमती एवं कम मिलने वाले रत्न के रूप में इसकी कीमत 18 हजार डॉलर्स प्रति कैरेट तक हो सकती है।

टैफाइट

यह एक दुर्लभ प्रजाति का खनिज है जोकि एक स्पिनल के रूप में गलत पहचाना जा सकता है। साल 1945 में इस रत्न को पहली बार डबलिन (आयरलैंड) में काटा एवं पोलिश किया गया था। पहली बार इस रत्न को एक स्पिनल रत्न के रूप में लेबलिंग करके बेचा गया था। किन्तु कुछ परीक्षणों के बाद इसको एक नए रत्न के रूप में वर्गीकृत करने का काम हुआ था। टैफाइट एवं स्पिनल की तुलना करने पर मुख्य रूप से दोहरे अपर्वतन का अन्तर प्राप्त होता है। यह मणि श्रीलंका एवं तंजानिया के अंदर जलोढ़ निक्षेपों में मिलती है।

लाल हीरा

आपको लेख में हिरे के गुणों एवं कीमत की जानकारी दी जा चुकी है। इसमें भी 1 मिलियन प्रति कैरेट की कीमत का लाल हिरा काफी प्रसिद्ध है। विश्व में लाल हीरे की संख्या 30 से कम बताई जाती है। इनमें से भी ज्यादातर आधे कैरेट से भी कम के होते है। वैसे तो हीरे को इसके बिना रंग के स्वरूप में ज्यादा प्रसिद्धि मिली हुई है किन्तु इस हीरे को लाल रंग क्रिस्टल जाली के प्लास्टिक विरूपण से मिलती है। साल 2011 में मोस्साइएफ रेड डॉयमंड का 8 मिलियन में अधिग्रहण हुआ था जोकि दुनिया में अभी तक खोजै गया सर्वाधिक बड़े आकार का लाल हीरा था।

ग्रैंडिडिएराइट

ये ऐसा रत्न नहीं है जो सामान्य रूप से किसी रत्न अथवा आभूषण के संग्रह में मिल सकें। इस रत्न के टुकड़े अविश्वसनीय रूप से असामान्य होते है। साल 1902 में पहली बार इन रत्नों को दक्षिणी मेडागास्कर में खोजै गया था। ये खनिज सशक्त फुफ्फुसावरण दर्शाता है जिसका अर्थ है कि आप इस रत्न को जिस भी दिशा से देखेंगे तो आपको 3 अलग रंग दिखाई देंगे। इस रत्न में कट के आधार पर देखने पर अलग कोण पर एक नीला-हरा, गहरा हरा, रंगहीन एवं कभी-कभी हल्का पीला रंग प्रदर्शित होता है। यह रत्न अपने काटने के दौरान 1 से 10 कैरेट का हो सकता है। इस हिसाब से इसके बड़े टुकड़े की कीमत 2 लाख डॉलर से अधिक हो सकती है।

दुनिया के सबसे मंहगे जेमस्टोन्स

विश्व का नंबर एक दुर्लभ रत्न कौन सा है?

विश्व का सबसे दुर्लभ रत्न पेनाइट है जोकि एक दुर्लभ खनिज भी है। इसके लिए पेनाइड का नाम गिनीस बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज़ हो चुका है। साल 1951 में अपनी खोज के बाद से बहुत से दशकों तक पेनाइड के 2 ही नमूने पाए गए है।

सर्वाधिक भाग्यशाली रत्न कौन-से है?

व्यक्ति के लिए अच्छा परिणाम लाने वाले रत्नों में पेरिडॉट, नीलम, सिट्रीन एवं गार्नेट आते है।

रत्न कितने प्रकार के होते है?

भारतीय मान्यता के अनुसार रत्न कुल 84 प्रकार से होते है। इनमें हिरा, मोती, नीलम, पन्ना, मूंगा, गोमेद एवं लहसुनिया को नवरत्न कहते है।

सबसे शक्तिशाली रत्न कौन सा है?

नीलम को सबसे शक्तिशाली रत्न माना जाता है चूँकि यह शनि का रत्न है। इस रत्न के बारे में यह मान्यता है कि यह रंक को राजा बनाने की ताकत रखता है।

Leave a Comment

Join Telegram