दूध गंगा योजना – केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा देश के किसानों, पशुपालकों, डेयरी फार्मिंग का बिजनेस करने वाले नागरिकों को आर्थिक सहयोग प्रदान करने के लिए कई तरह की योजनाओं की शुरुआत कर उन्हें आर्थिक सहयोग दिया जाता है। ऐसी ही एक योजना की शुरुआत हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने और डेयरी फार्मिंग का व्यवसाय करने के इच्छुक पशुपालकों और उद्यमियों को लाभ प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा दूध गंगा योजना की शुरुआत की गई। इस योजना के माध्यम से दूध उत्पादन क्षेत्र से जुड़े लोगों को 30 लाख रूपये के लोन की सुविधा बेहद ही कम ब्याज दर पर मुहैया करवाएगी, जिससे दुग्ध उत्पादन क्षेत्र से जुड़े लोग आधुनिक तकनिकी से जुड़ सकेंगे और इससे डेयरी फार्मिंग व्यवसाय को बढ़ावा मिल सकेगा।
राज्य के डेयरी फार्मिंग व्यवसाय से जुड़े जो भी नागरिक हिमाचल सरकार द्वारा शुरू की गई दूध गंगा योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए योजना में आवेदन करना चाहते हैं, उन्हें योजना के अंतर्गत आवेदन की प्रक्रिया को पूरा करना होगा, जिसके लिए आवेदक को योजना की किन पात्रता व दस्तावेजों की आवश्यकता होगी और वह योजना में किस तरह आवेदन कर सकेंगे इसकी पूरी जानकारी आप हमारे लेख के माध्यम से जान सकेंगे।

दूध गंगा योजना क्या है ?
दूध गंगा की शुरुआत हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2010 में की गई थी, इस योजना के अंतर्गत सरकार राज्य के दूध का उत्पादन करने वाले किसानों एवं पशुपालकों को डेयरी फर्मिंग बिजनेस को शुरू करने के लिए लोन की सुविधा उचित ब्याज दरों पर प्रदान करवाएगी, साथ ही ऐसे सभी दूध उत्पादकों को आर्थिक सहायता देने के लिए उन्हें सब्सिडी का भी लाभ दिया जाएगा। दूध गंगा योजना की शुरुआत में इस दूध गंगा परियोजना का नाम दिया गया था इसके अंतर्गत पहले लाभार्थियों को ब्याज मुक्त ऋण देने की सुविधा प्रदान की गई थी, जिसे बाद में सरकार द्वारा बदलकर ब्याज मुक्त ऋण देने के बदले ऋण राशि पर सब्सिडी देने का प्रावधान कर दिया गया।
Doodh Ganga Yojana : Details
योजना का नाम | दूध गंगा योजना |
शुरू की गई | हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा |
वर्ष | 2023 |
योजना के लाभार्थी | दुग्ध उत्पादक क्षेत्र से जुड़े किसान एवं पशुपालक |
उद्देश्य | डेयरी फार्मिंग व्यवसाय की शुरुआत के लिए ऋण की सुविधा प्रदान करना |
आधिकारिक वेबसाइट | http://hpagrisnet.gov.in |
स्वयं सहायता समूह को 50% ब्याज दर में छूट
राज्य सरकार द्वारा दूध गंगा योजना के तहत पशुपालन व किसानों की तरह ही स्वयं सहायता समूह को भी ऋण लेने पर सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा, जिसमे उन्हें 10 पशुओं के डेयरी फार्म की स्थापना के लिए 3 लाख रूपये तक के ऋण की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी, जिस पर उन्हें 50% ब्याज पर छूट दी जाएगी। इससे राज्य के अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूह से जुड़े लोगों को डेयरी फार्मिंग स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन मिल सकेगा और योजना का लाभ प्राप्त कर एसएचजी को केवल आधे ऋण की राशि का ही भुगतान करना होगा।
दूध गंगा योजना के लाभ
दूध गंगा योजना के अंतर्गत आवेदन करने वाले नागरिकों को मिलने वाले लाभ की जानकारी कुछ इस प्रकार है।
- केंद्र सरकार द्वारा दूध गंगा योजना की शुरुआत वर्ष 2010 में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) की सहायता डेयरी उद्यमी पूंजी योजना के तौर पर किया गया था।
- इस योजना के माध्यम से डेयरी फार्मिंग बिजनेस की शुरुआत के लिए नागरिकों को उचित ब्याज दरों पर ऋण की सुविधा मुहैया करवाई जाएगी।
- योजना के तहत लाभार्थियों को 30 लाख रूपये के लोन की सुविधा डेयरी फार्मिंग के व्यवसाय को शुरूआत के लिए प्राप्त हो सकेंगे।
- राज्य सरकार द्वारा नागरिकों को योजना के अंतर्गत देसी गाय और भैंस की खरीद के लिए 20% और जर्सी गाय की खरीद के लिए 10% की सब्डिसी प्रदान की जाएगी।
- योजना के अंतर्गत एससी, एसटी वर्ग के किसानों को 33% और सामान्य वर्ग के किसानों को 25% की सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा।
- दूध गंगा योजना के माध्यम से राज्य में प्रतिवर्ष 350 लाख लीटर दूध उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
Doodh Ganga Yojana की पात्रता
योजना में आवेदन के लिए आवेदक को इसकी निर्धारित पात्रता को पूरा करना आवश्यक हैं, जिसे पूरा करने वाले नागरिको को ही योजना का लाभ प्राप्त हो सकेगा, जिसकी जानकारी कुछ इस प्रकार है।
- दूध गंगा योजना में आवेदन के लिए आवेदक हिमाचल प्रदेश के स्थाई निवासी होने चाहिए।
- योजना के अंतर्गत एक परिवार के एक से अधिक सदस्य भी आवेदन के पात्र होंगे, जिसमे उनकी स्थापित इकाई एक दूसरे से कम से कम 500 मीटर की दूरी पर होनी आवश्यक है।
- इस योजना में स्वयं सहायता समूह, व्यक्ति विशेष, गैर-सरकारी संगठन, कंपनियाँ, दुग्ध संगठन आदि आवेदन के पात्र होंगे।
हिमाचल प्रदेश दूध गंगा योजना के अंतर्गत आवेदन प्रक्रिया
राज्य के जो नागरिक योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए इसमें आवेदन की प्रकरिया को पूरा करना चाहते हैं, वह ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया यहाँ बताए गए स्टेप्स को पढ़कर जान सकेंगे।
- योजना में आवेदन के लिए आवेदक सबसे पहले दूध गंगा योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करें।
- अब आपकी स्क्रीन पर वेबसाइट का होम पेज खुलकर आ जाएगा।
- यहाँ होम पेज पर आपको ऑनलाइन आवेदन करें के विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- जिसके बाद आपकी स्क्रीन पर योजना का आवेदन फॉर्म खुलकर आ जाएगा।
- यहाँ आपको फॉर्म में पूछी गई सभी जानकारी भरकर फॉर्म में माँगे गए सभी दस्तावेजों को अपलोड कर देना होगा।
- अब आखिर में आपको सबमिट के बटन पर क्लिक करना होगा।
- इस तरह आपकी योजना में आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
दूध गंगा योजना से जुड़े प्रश्न/उत्तर
दूध गंगा योजना की शुरुआत कब और किसके द्वारा की गई ?
दूध गंगा योजना की शुरुआत सितम्बर 2010 में हरियाणा सरकार द्वारा किया गया था।
Doodh Ganga Yojana के माध्यम से लाभार्थियों को क्या लाभ दिया जाएगा ?
Doodh Ganga Yojana के माध्यम से लाभार्थियों को डेयरी फार्मिंग के व्यवसाय की स्थापना के लिए 30 लाख रूपये के ऋण की सुविधा उचित ब्याज दर पर प्रदान किया जाएगा।
योजना में आवेदन के लिए इसकी आधिकारिक वेबसाइट क्या है ?
योजना में आवेदन के लिए इसकी आधिकारिक वेबसाइट http://hpagrisnet.gov.in/ है।
दूध गंगा योजना का लाभ कीन्हे मिल सकेगा ?
दूध गंगा योजना का लाभ स्वयं सहायता समूह, व्यक्ति विशेष, गैर-सरकारी संगठन, कंपनियाँ, दुग्ध संगठन से जुड़े नागरिकों को मिल सकेगा।