कंप्यूटर के बारे में जानिए | Details of Computer in Hindi

कम्प्यूटर का जनक charles babbage को कहा जाता है। इन्होंने 1822 ई० में कंप्यूटर का आविष्कार किया था। कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है, जिसका उपयोग डाटा को एकत्रित करने तथा डाटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने के लिए किया जाता है। कंप्यूटर हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों को इनपुट लेता है, और प्रोसेसिंग करके आउटपुट हमें देता है।
कंप्यूटर का हिंदी नाम संगणक हैं। कंप्यूटर का शाब्दिक अर्थ गणना करने वाली मशीन है।

कंप्यूटर के बारे में जानिए | Details of Computer in Hindi
Details of Computer in Hindi

कंप्यूटर कार्य कैसे करता है ?

कम्प्यूटर यूज़र द्वारा दिए गए निर्देशों को ग्रहण करता है, और उसके बाद यूज़र द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार इनपुट पर प्रोसेस करता है, और आउटपुट में यूजर को दिए गए इनपुट का रिजल्ट देता है। कंप्यूटर में किसी भी कार्य को करने के लिए यूजर को सबसे पहले कीबोर्ड, माउस, और स्कैनर की मदद से कंप्यूटर में डाटा डालना होता है, और उसके बाद कंप्यूटर दिए गए डाटा पर प्रोसेस करके आउटपुट देता है। प्रोसेस पूरा होने के बाद रिजल्ट को मॉनिटर या स्कैनर की मदद से देखा जा सकता है।

यह भी देखें :- ओ लेवल कंप्यूटर कोर्स क्या है ?

कंप्यूटर की फुल फॉर्म –

C – Common
O – Operating
M – Machine
P – Particularly
U- Used for
T – Technological
E – Educational
R – Research

कंप्यूटर के मुख्य भाग

  1. Motherboard
  2. CPU
  3. RAM / ROM
  4. Hard Disk Drive
Motherboard

मदर बोर्ड कंप्यूटर का एक हार्डवेयर भाग है जिसको हम छू सकते है। मदर बोर्ड को पीसीबी बोर्ड यानी प्रिंटेड सर्किट बोर्ड भी कहा जाता है, यह एक पतली सी प्लेट होती है, जिसमें सारे कंपोनेंट्स को लगाया जाता है, जैसे – सीपीयू, कनेक्टर्स, सीपीयू कूलिंग फैन पोर्ट, जैक, मेमोरी कार्ड आदि सभी कनेक्टर्स लगे होते है।

Computer-motherboard
Computer-motherboard

सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट – CPU

सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट यह कंप्यूटर का एक मुख्य भाग होता है। ये कंप्यूटर के मदर बोर्ड में लगा होता है इसे कंप्यूटर का मस्तिष्क भी कहा जाता है। सीपीयू के अंदर सारे डाटा और कमांड को प्रोसेसिंग करते है।

COMPUTER CPU
COMPUTER CPU

रैंडम एक्सेस मेमोरी RAM / ROM

रैम का पूरा नाम रैंडम एक्सेस मेमोरी है इस मेमोरी को प्राइमरी मेमोरी भी कहा जाता है। इस मेमोरी में कोई भी डाटा ज्यादा देर तक सुरक्षित नहीं रहता है। रैम में डाटा केवल उतनी देर तक रहता है जितनी देर तक सॉफ्टवेयर पर काम किया जाता है।

रोम का पूरा नाम रीड ओनली मेमोरी है इस मेमोरी को सेकेंड्री मेमोरी कहते है। इस मेमोरी में डाटा सेफ रहता है यह डाटा और इनफार्मेशन को स्थायी रूप से स्टोर करता है।

COMPUTER RAM - ROM
COMPUTER RAM – ROM

Hard Disk Drive

हार्ड डिस्क ड्राइव कंप्यूटर का एक कंपोनेंट्स है, जिसमें डाटा लम्बे समय तक सुरक्षित रहता है, हार्ड ड्राइव डाक्यूमेंट्स, फाइल को लम्बे समय तक स्टोर करता है।

COMPUTER HARD - DISK - DRIVE
COMPUTER HARD – DISK – DRIVE

कंप्यूटर 3 प्रकार के होते है

  • एनालॉग
  • डिजिटल
  • हाइब्रिड

एनालॉग कंप्यूटर –

एनालॉग कंप्यूटर का उपयोग अधिकतर विज्ञान तथा चिकित्सा के क्षेत्र में किया जाता है। एनालॉग कंप्यूटर डाटा को इनपुट के रूप में लेता है। यह कंप्यूटर एनालॉग सिग्नल पर काम करता है। तथा यह कंप्यूटर निरंतर सिग्नल प्रदान करते है। तथा इनका उपयोग भौतिक राशियों को मापने के लिए किया जाता है। जैसे की – दाब, ताप, ऊँचाई, लम्बाई आदि। एनालॉग कंप्यूटर में मेमोरी नहीं होती है, इसी वजह से एनालॉग कंप्यूटर फोटोज स्टोर नहीं कर सकता है। एनालॉग कंप्यूटर निरंतर कार्य करता है, जैसे -जैसे इनपुट सिग्नल चेंज होंगे वैसे -वैसे आउटपुट सिग्नल भी चेंज होते है।
एनालॉग कंप्यूटर के उदाहरण – थर्मोमीटर, स्पीडोमीटर, एनालॉग क्लॉक आदि।

एनालॉग कंप्यूटर 3 प्रकार के होते है।

1. इलेक्ट्रॉनिक एनालॉग कंप्यूटर
2. मैकेनिकल एनालॉग कंप्यूटर
3. एनालॉग डिजिटल कंप्यूटर

1. इलेक्ट्रॉनिक एनालॉग कंप्यूटर – इलेक्ट्रॉनिक एनालॉग कंप्यूटर एक प्रकार की मशीन होती है, इस प्रकार का कंप्यूटर इनपुट को इलेक्ट्रिकल सिग्नल के रूप में लेता है, और आउटपुट के रूप में देता है। इस कंप्यूटर का उपयोग घरों में बिजली को चेक करने के लिए वाल्टमीटर के द्वारा किया जाता है।

2. मैकेनिकल एनालॉग कंप्यूटर –
इन कम्प्यूटर का उपयोग गाड़ी, वाहन आदि में किया जाता है, मैकेनिकल एनालॉग कंप्यूटर का सबसे अच्छा उदाहरण है, स्पीडोमीटर यह यंत्र गाड़ी के पहिये की स्पीड को इनपुट के रूप में लेता है, और गाड़ी की प्रति सेकंड स्पीड को दर्शाता है।

3. एनालॉग डिजिटल कंप्यूटर – यह कंप्यूटर इनपुट को एनालॉग के रूप में लेता है और आउटपुट को डिजिटल के रूप मे देता है। पेट्रोल पंप पर लगी हुई मशीन एनालॉग डिजिटल कंप्यूटर का उदाहरण है।

डिजिटल कंप्यूटर

डिजिटल कंप्यूटर एक ऐसे कंप्यूटर होते है, जो की बाइनरी नंबर (0, 1) पर काम करते है। इन कम्प्यूटर को आधुनिक कंप्यूटर भी कहा जाता है। यह कंप्यूटर जानकारी को वेरिएबल्स के रूप में दिखाता है। डिजिटल कम्प्यूटर से प्राप्त आउटपुट डाटा को सूचना या जानकारी भी कहा जाता है। बदलते समय के साथ कंप्यूटर केवल गणना करने का कार्य नहीं करता है, बल्कि वीडियो गेम, इंटरनेट, म्यूजिक वीडियो आदि में भी कार्य करता है, इसी वजह से अब कंप्यूटर को इलेक्ट्रॉनिक मशीन भी कहा जाता है।

यह एक बहुत की शक्तिशाली डिवाइस है, इसका उपयोग दुनियाभर में सबसे ज्यादा किया जाता है। कंप्यूटर की डाटा की सबसे छोटी इकाई 1 बिट होती है।
डिजिटल कंप्यूटर के उदाहरण – पर्सनल कंप्यूटर , डेस्कटॉप कंप्यूटर , लैपटॉप, मोबाइल आदि।

डिजिटल कंप्यूटर के 3 मुख्य भाग होते है।

  1. इनपुट – इनपुट डाटा वह डाटा होता है जो हमारे द्वारा कंप्यूटर को दिया जाता है।
  2. प्रोसेसिंग – प्रोसेसिंग डाटा वह डाटा है, जिसमें हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों पर कंप्यूटर कार्य करता है।
  3. आउटपुट – आउटपुट डाटा वह डाटा होता है, जो कंप्यूटर में दिए गए इनपुट को पूरा करता है, और आउटपुट के रूप में रिजल्ट दिखाता है।

डिजिटल कंप्यूटर 4 प्रकार के होते है

  1. मिनी कंप्यूटर – मिनी कंप्यूटर वे कंप्यूटर होते है, जो एक मल्टी यूजर कंप्यूटर होते है, इस कंप्यूटर में एक साथ बहुत सारे लोग काम कर सकते है। यदि इन कंप्यूटर के आकार को देखा जाये तो ये बहुत छोटे होते है, परन्तु इनकी कार्य क्षमता बहुत अधिक होती है। इन कंप्यूटर का प्रयोग बैंक, बिज़नेस, फैक्ट्री आदि में किया जाता है, इन कम्प्यूटर्स में एक से ज्यादा CPU होते है। तथा इनका स्टोरेज और कार्य करने की क्षमता भी अधिक होती है। इसका उपयोग लोकल एरिया नेटवर्क बनाने के लिए भी किया जाता है।
  2. मेनफ़्रेम कंप्यूटर – मेनफ़्रेम कंप्यूटर आकार में बहुत ही बड़े होते है, इनको रखने के लिए अलग से कमरे की जरूरत पड़ती है। इन कंप्यूटर मे डाटा स्टोर करने की क्षमता अधिक होती है इसी वजह से अधिक मात्रा में इनमे डाटा प्रोसेसिंग किया जाता है। मेनफ़्रेम कंप्यूटर और कंप्यूटर की तुलना में बड़े होते है। तथा शक्तिशाली भी यह जल्दी डाटा प्रोसेसिंग करते है। मेनफ़्रेम कंप्यूटर में एक साथ सैकड़ों यूज़र लॉगिन कर सकते है। इन् कंप्यूटर का उपयोग – बैंक, सरकारी उधमी, टेलीकॉम सेक्टर आदि क्षेत्र में किया जाता है। उदहारण – IBM Zseries, IBM Z15, IBM Z14 आदि।
  3. सुपर कंप्यूटर – यह कंप्यूटर बहुत ही तेजी से कार्य करता है, इसकी गणना करने की क्षमता बहुत अधिक होती है, यह दुनिया भर का डाटा कुछ ही समय में संग्रहित कर लेता है। यह बहुत एडवांस कंप्यूटर है, और यह बहुत महंगा भी होता है। इस कंप्यूटर में हज़ारो प्रोसेसर होते है, जिसकी वजह से इसकी कार्य करने की क्षमता और कंप्यूटर से अधिक होती है। इस कंप्यूटर का उपयोग इंडस्ट्री में अधिकतर किया जाता है। इन कंप्यूटर से जटिल कार्य किए जाते है जैसे – वैज्ञानिक क्षेत्र, अंतरिक्ष, मौसम की भविष्यवाणी, जलवायु, इंजीनियरिंग क्षेत्र आदि की जानकारी में इनका इस्तेमाल किया जाता है। भारत का पहला सुपर कंप्यूटर का नाम परम 8000 था।
  4. माइक्रो कंप्यूटर – माइक्रो कंप्यूटर को पर्सनल कंप्यूटर भी कहा जाता है, अधिकतर इसका उपयोग पर्सनल कार्य के लिए करा जाता है। बढ़ती जनरेशन में छोटे से बड़े कार्य, शिक्षा के क्षेत्र आदि सभी जगह माइक्रो कंप्यूटर का उपयोग किया जाता है। माइक्रो कंप्यूटर माइक्रो प्रोसेसर पर कार्य करता है, इसके अंदर इनपुट/आउटपुट , CPU, मदर बोर्ड, स्टोरज अन्य उपकरण होते है। इन कम्प्यूटर्स का आकार तथा लागत दोनों ही कम होती है। उदाहरण – DELL, HP, APPLE, ACER ये सभी माइक्रो कंप्यूटर के उदाहरण है।

हाइब्रिड कंप्यूटर

हाइब्रिड कंप्यूटर एनालॉग तथा डिजिटल कंप्यूटर दोनों से मिलकर बने होते है। इसी वजह से इनको हाइब्रिड कहा जाता है। हाइब्रिड कंप्यूटर एनालॉग कंप्यूटर तथा डिजिटल दोनों का कार्य करता है। हाइब्रिड कंप्यूटर एनालॉग सिग्नल्स को स्वीकार करता है, और प्रोसेसिंग के बाद उनको डिजिटल के रूप में देता है।

हाइब्रिड एनालॉग की तरह फ़ास्ट और डिजिटल की तरह एक्यूरेट कार्य करता है। हाइब्रिड के द्वारा एक बड़ी गणना भी आसानी से की जा सकती है। इन कम्प्यूटर्स का अधिकतर उपयोग ट्रैफिक कण्ट्रोल, मेडिकल क्षेत्र, अल्ट्रासाउंड आदि में किया जाता है।
हाइब्रिड का उपयोग एक तरह की एप्लीकेशन के रूप में किया जाता है, जो की एनालॉग तथा डिजिटल दोनों का काम करा सकें। हाइब्रिड अधिक तेजी से कार्य करता है, तथा अधिक मात्रा में डाटा भी स्टोर करता है।

हाइब्रिड कंप्यूटर तीन प्रकार के होते है

1. large electronic hybrid computer – इस प्रकार के कंप्यूटर आकार में बहुत बड़े होते है, यह बड़ी से बड़ी समीकरण को सॉल्व करने में बहुत कम समय लगाते है। 1960 – 70 के बीच एम्पलीफायर का उपयोग करके इन कंप्यूटर को बनाया गया था।
2. general purpose hybrid computer –
ये कम्प्यूटर सामान्य उद्देश्य के लिए बनाए गए थे, तथा इनका उपयोग भी सामान्य कार्यो में ही किया जाता है, ये हाई एक्यूरेसी के साथ कार्य करते है। यह कंप्यूटर फ्लेक्सिबल होते है, और तेज़ गति से कार्य करते है।
3. special purpose hybrid computer – इन कम्प्यूटर्स का उपयोग अत्यधिक देख भाल वाली जगह पर होता है, जैसे फायर ब्रिगेड, हॉस्पिटल इनका उपयोग विशिष्ट समस्याओं को हल करने के लिए किया जाता है।
जैसे –

  1. अल्ट्रासाउंड मशीन
  2. फॉरेंसिक
  3. रक्षा
  4. अनुसन्धान और उत्पाद उद्योग

Generations Of Computer – कंप्यूटर की पीढ़ियाँ

first generation of computers – 1946 – 1959
Second generation of computer – 1959 – 1965
Third generation of computers – 1965 – 1971
Fourth generation of computers – 1971 – 1980
Fifth generation of computers – 1980 आज तक

first generation of computers – 1942 – 1959

इन कम्प्यूटर्स का समय 1942 से 1959 तक रहा था। यह कंप्यूटर साइज में बहुत बड़े होते थे तथा इनको रखने के लिए एक बड़ा कमरा चाहिए होता था। इन कंप्यूटर में वैक्यूम टुबेस का इस्तेमाल किया जाता था। तथा डाटा स्टोरेज के लिए मैग्नेटिक ड्रम का उपयोग किया जाता था।

यह कंप्यूटर एक समय में एक ही कार्य कर सकते थे। तथा इनकी काम करने की क्षमता बहुत कम होती थी। यह कंप्यूटर बहुत जल्दी गर्म हो जाते थे, इनको ठंडा करने के लिए AC का इस्तेमाल किया जाता था। यह कंप्यूटर AC करंट पर कार्य करता था, तथा ये कंप्यूटर बहुत महंगे होते थे।

इस कम्प्यूटर्स में अधिक मात्रा में बिजली की खपत होती थी, और इनका रख -रखाव भी बहुत ध्यान से करना होता था। फर्स्ट जनरेशन के कंप्यूटर को ऑपरेट करने के लिए मशीन लैंग्वेज का उपयोग किया जाता था। यह लैंग्वेज (0 , 1 ) पर आधारित होती है। फर्स्ट जनरेशन के कंप्यूटर – ENVAC, UNIVAC, IBM 650 आदि।

Second generation of computer – 1959 – 1965

सेकंड जनरेशन के कंप्यूटर में ट्रांसिस्टर्स का प्रयोग किया जाता था। ट्रांसिस्टर्स पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के मुताबिक ज्यादा अच्छे होते थे। सेकंड जनरेशन के कंप्यूटर फर्स्ट पीढ़ी के कंप्यूटर से काम करने में बेहतर थे, तथा ये आकार में भी छोटे थे। यह कंप्यूटर अधिक समय तक कार्य कर पाते थे, और इनकी कार्य करने की क्षमता अधिक होती थी, इनमे बिजली भी कम यूज़ होती थी।

इस समय में भी ये महंगे थे, तथा इनको ऑपरेट करने के लिए कोबोल, फोरट्रोन भाषाओं का प्रयोग होता था। सेकंड जनरेशन के कंप्यूटर – IBM 7030, HONEYWELL 400, CDC 1604 आदि।

Third generation of computers – 1965 – 1971

थर्ड जनरेशन के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर की जगह इंटीग्रेटेड सर्किट ( IC ) का उपयोग होता था। इस पीढ़ी के कंप्यूटर काफी एडवांस थे, और फ़ास्ट भी थे, यह IC चिप सिलिकॉन की बनी होती थी, जिसको सिलिकॉन चिप भी कहा जाता था। यह कंप्यूटर सेकंड जनरेशन के मुताबिक काफी रिलाएबल थे। तथा इनकी काम करने की क्षमता अधिक थी, IC का साइज काफी छोटा हो गया था, जिससे मेमोरी की क्षमता बढ़ गयी थी।

इस पीढ़ी के कंप्यूटर में हाई लेवल की लैंग्वेज यूज़ की जाती थी जैसे – कोबोल, पास्कल आदि। यह जल्दी से गर्म नहीं होते थे तथा अधिक समय तक कार्य करते थे, थर्ड जनरेशन के कंप्यूटर – IBM 370, PDP 5, UNIVAC 1108 आदि।

Fourth generation of computers – 1971 – 1980

इस जनरेशन के कंप्यूटर में IC की जगह मइक्रोप्रोसेसर यानी (VLSI) वैरी लार्ज इंटीग्रेटेड सर्किट चिप का उपयोग किये जाने लगा। यह कंप्यूटर बहुत आधुनिक हो गए थे, तथा इनके काम करने की क्षमता भी बढ़ गयी थी। इस जनरेशन के कंप्यूटर साइज में काफी छोटे होते थे, तथा इनमे बहुत अधिक फीचर्स भी उपलब्ध हुए। इन कम्प्यूटर्स में C, C+, C ++ लैंग्वेज का प्रयोग किये जाने लगा। इन कंप्यूटर को समझना काफी आसान हो गया था इन कंप्यूटर को यूजर फ्रेंडली भी कहा जाता था।

इन कंप्यूटर को नेर्टवर्क के द्वारा एक दूसरे से जोड़ा जा सकता था। पर्सनल कंप्यूटर का उपयोग भी इसी पीढ़ी में हुआ था। और पहला पर्सनल कंप्यूटर IBM के माध्यम से विख्यात हुआ। इस पीढ़ी के कंप्यूटर में रियल टाइम नेटवर्क, टाइम शेयरिंग, डिस्ट्रिब्यूटेड ऑपरेटिंग विंडो का उपयोग किया जाता था। फोर्थ जनरेशन के कंप्यूटर – IBM 4341, DEC 10, APPLE आदि।

Fifth generation of computers – 1980 आज तक

फिफ्थ जनरेशन के कंप्यूटर में VLSI की जगह ULSIC माइक्रोप्रोसेसर चिप का इस्तेमाल किये जाने लगा। फ़िफ़्थ जनरेशन के कंप्यूटर बहुत अधिक एडवांस और बेहतर है, और जनरेशन के कंप्यूटर से इस पीढ़ी के कंप्यूटर बहुत अच्छे है, इन कंप्यूटर में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल हुआ। वर्तमान में पांचवी पीढ़ी चल रही है।

इन कंप्यूटर में C, C++, JAVA, PYTHON आदि भाषाओं का उपयोग किया जाता है। यह बहुत ही फ़ास्ट होते है, इनको हम आसानी से कैर्री कर सकते है अपने साथ, धीरे धीरे यह पीढ़ी और भी विकसित हो जायेगी। फिफ्थ जनरेशन के कंप्यूटर – डेस्कटॉप, पाल्म्टॉप, परम( सुपर कंप्यूटर) आदि।

कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया था ?

कम्प्यूटर का अविष्कार Charles Babbage ने 1822 ई० में किया था।

RAM का पूरा नाम क्या है ?

RAM का पूरा नाम Random Access Memory है।

कंप्यूटर की किस जनरेशन में ट्रांसिस्टर्स का उपयोग किया जाता था?

कंप्यूटर की सेकंड जनरेशन में ट्रांसिस्टर्स का उपयोग किया जाता था। जिनका साइज काफी छोटा था और कम बिजली की खपत होती थी।

कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है ?

कंप्यूटर 3 प्रकार के होते है।
1. Analog
2. Digital
3. Hybrid

कंप्यूटर के कितने अंग होते हैं?

Motherboard
CPU
RAM / ROM
Hard Disk Drive



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