अपने परिवार या दोस्तों के साथ घूमने का प्लान बना रहे लोग घूमने के लिए खूबसूरत स्थलों के बारे में जानना चाहते हैं। पुराने समय से ही कई राजवंशों की राजधानी रहने के बाद पूरे भारत की राजनैतिक राजधानी बन गई है। दिल्ली में ऐसे बहुत से दर्शनीय स्थल है जहाँ देश के अलग-अलग राज्यों व विदेशों से लोग घूमने आते हैं।
राजधानी में घूमने के लिए कई धार्मिक स्थलों से लेकर ऐतिहासिक इमारतें है जिनको देखने के लिए एक बार दिल्ली घूमने का प्लान जरूर बनाए। ये स्थल देश की सांस्कृतिक विरासत एवं इतिहास को जीवित रूप में प्रदर्शित करते है।
दिल्ली में घूमने के लिए दर्शनीय स्थलों के बारे में जानने के लिए इस लेख में दिल्ली के ऐसे कई दर्शनीय स्थलों की जानकारी प्रदान करेंगे जहाँ घूमने के लिए अवश्य ही आना चाहिए।
दिल्ली के दर्शनीय स्थलों की लिस्ट
दिल्ली में घूमने के लिए बहुत से दर्शनीय स्थल हैं, इन दर्शनीय स्थलों में पर्यटकों के लिए कई धार्मिक स्थल व इमारतों की सूची निम्नानुसार है।
लाल किला
लाल बरुआ पत्थरों से निर्मित लाल कील का निर्माण मुगल राजा शाहजहाँ द्वारा सन 1638 में किया गया था। यह ईमारत मुग़ल शैली में निर्मित है और इसे किला-ए-मुबारख के नाम से जानते है। दिल्ली में स्थित 250 एकड़ जमीन पर यह किला भारत की शान के रूप में जाना जाता है।
लाल किले के निर्माण का उद्देश्य हमले के समय आत्मरक्षा की व्यवस्था के लिए किया गया था। इसे यूनेस्को ने विश्व विरासत की लिस्ट में शामिल किया है। लाल किले का रंग लाल है लेकिन भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण के अनुसार इमारत के कुछ हिस्से चूने के पत्थर से बने है। जब ईमारत के कुछ हिस्से ख़राब होने लगे तो अंग्रेजों ने इसे लाल रंग से रंग दिया।
मुग़ल वास्तुकला से बने इस सुंदर किले की ऊँचाई 33 मीटर है जहाँ पारम्परिक हस्तशिल्प और संग्रहालय भी देखने को मिलेगा। यहाँ लाइट और साउंड के शो भी दिखाए जाते हैं। लाल किला केवल सोमवार को छोड़कर सप्ताह के सभी दिन सुबह 9:30 बजे से शाम 4 बजे तक खुला रहता है।
इंडिया गेट
दिल्ली में स्थित इंडिया गेट भारत के प्रसिद्ध स्मारकों में से एक है जोकि एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। इंडिया गेट राष्ट्रपति भवन की सीध में बना हुआ युद्ध स्मारक है। इसको प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए वीरों की याद में 1917 में ब्रिटिश सरकार द्वारा बनवाया गया था। इसे पहले अखिल भारतीय युद्ध स्मृति के नाम से भी जाना जाता था। इसकी दीवारों पर भारत के 13,218 सैनिकों के नाम अंकित है।
इंडिया गेट की ऊँचाई 42 मीटर है और इसका डिजाइन सर एडविन लुटियन ने तैयार किया गया था। यह एक बेहतरीन वास्तुकला का प्रदर्शन है। इंडिया गेट के परिसर में अमर जवान ज्योति लगातार 1917 से जल रही है जोकि भारत के अमर सैनिकों का प्रतीक है। शाम के वक्त यहाँ की लाइटिंग देखने लायक होती है जिसकी सुंदरता देखने के लिए दुनियाभर से हर वर्ष लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं। यह पर्यटकों के लिए 24 घंटे खुला रहता है।
कनॉट प्लेस, दिल्ली
कनॉट प्लेस दिल्ली में बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक और वित्तीय केंद्र है। कनॉट प्लेस को शहर की शीर्ष विरासत इमारतों में से एक माना जाता है। यह प्लेस गोलाकर, सफ़ेद रंग की एक संरचना है। कनॉट का पहला ड्यूक वास्तुकार रोबर्ट टोर रसेल द्वारा डिजाइन किया गया था जिसका निर्माण 1913 में पूरा हुआ।
जेरोजियाई वास्तुकला पर निर्मित यह परिसर इंग्लैंड के बाथ शहर में रॉयल क्रिस्टन के समान दिखता है। ड्यूक ऑफ़ क्नॉट एंड स्ट्रैथर्न नाम से प्रसिद्ध है। इस बाजार में अंतराष्ट्रीय चेन स्टोर, रेस्तरां, बार और प्रसिद्ध खाद्य श्रृंखलाएँ मौजूद है। कनॉट प्लेस रोजाना सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है लेकिन रविवार को बंद रहता है।
दिल्ली का दर्शनीय स्थल – कुतुब मीनार
दिल्ली की सबसे ऊँची इमारतों में से एक कुतुब मीनार दक्षिणी दिल्ली के मेहरौली नामक स्थान पर स्थित है। इसके निर्माण कार्य की शुरुआत सन 1192 में कुतुब-उद-दीन-एबक ने की थी। कुतुब मीनार को भारत के सबसे पुराने वैश्विक धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया है। इसकी ऊँचाई 72.5 मीटर है, यह पाँच मंजिला ईमारत ईरानी वास्तुकला का भव्य उदहारण है।
मीनार संगमरमर और बलुआ पत्थरों से बनी है जिसके पास फ़ारसी, अरेबिक और नगरी भाषाओं में लिखी हुई शिलालेख भी देखने को मिलती है। इसे देखने और मीनार के साथ फोटो खिचवाने लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं। क़ुतुबमीनार के निर्माण का पूरा इतिहास काफी रोचक और पुराना है।
कुतुब मीनार सप्ताह के सभी दिन सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहता है।
स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर
अक्षरधाम मंदिर दिल्ली के जाने-माने पर्यटक स्थलों में से एक है जिसे स्वामीनारायण मंदिर के नाम से भी जानते है। यह मंदिर यमुना नदी के पास स्थित दुनिया का सबसे विशाल हिंदू मंदिर है जो लगभग 100 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। मंदिर में दस हजार साल पुरानी भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और वास्तुकला को दर्शाया गया है। मंदिर इतना विशाल है कि इसमें लगभग 234 पिलर, 9 गुंबद, करीब 20 हजार साधुओं-आचार्य की मुर्तियाँ और कुल 148 हाथी बनाए गए है।
यह मंदिर अलग-अलग भागों में बँटा हुआ है जिसमे नौका विहार, सांस्कृतिक कार्यक्रम और शाम के समय होने वाला वॉटर और लाइट शो का भी है। यह मंदिर सुबह 9:30 बजे से लेकर शाम 8 बजे तक खुला रहता है जिसमे मंदिर परिसर में एंट्री फीस फ्री है।
जामा मस्जिद, पुरानी दिल्ली
पुरानी दिल्ली में स्थित भारत के सबसे बड़े मस्जिदों में से एक जमा मस्जिद है जिसका वास्तविक नाम मस्जिद-ए-जहां-नुमा है। इसका निर्माण सन 1656 में मुग़ल बादशाह शाहजहाँ द्वारा किया गया था। लाल बरुआ पत्थरों और संगमरमर से बनी यह मस्जिद इतनी बड़ी है कि यहाँ एक समय में 25 हजार से लोग नमाज पढ़ सकते हैं।
मस्जिद में ईद के समय लोगो की भारी भीड़ देखने को मिलती है और यहाँ के नज़ारे देखते ही बनते हैं। मस्जिद में प्रवेश एकदम निःशुल्क है। यदि आप दिल्ली घूमने आते हैं तो आपको जामा मस्जिद भी अवश्य ही देखने जाना चाहिए। पर्यटकों के लिए जामा मस्जिद सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर 1:30 बजे से शाम 6 बजे तक खुली रहती है।
हुमांयू का मकबरा
दिल्ली में स्थित हुमांयू का मकबरा मुग़ल वास्तुकला का एक बेहतरीन नमूना है। संगमरमर व लाल पत्थर के संगम से बने इस मकबरे का निर्माण 16वीं शताब्दी में हुमांयू की पत्नी ने अपने पति की याद में किया था। बाद में यहाँ कई ख़ास मुग़ल सदस्यों की भी समाधि बनाई गई।
हुमांयू के मकबरे को मुग़लों का शयनागार भी कहते है। यह मकबरा बगीचे के बीचों बीच स्थित है जिसकी सुंदरता को अनेक प्रमुख वास्तु कलात्मक नवचारों से प्रेरित कहा जा सकता है। यहाँ की ऊँची-ऊँची पथरीली सीढियाँ और बड़े-बड़े कलात्मक दरवाजे प्राचीनता को बखूबी दर्शाते हैं। ये पर्यटकों के लिए बेहद ही आकर्षण का केंद्र बनती है जोकि सप्ताह के सभी दिन सुबह के 6 से शाम 6 बजे तक खुला रहता है।
लोटस टेम्पल, दिल्ली
दिल्ली के दर्शनीय स्थलों में लोटस टेम्पल भी है जिसे कमल मंदिर भी कहते है। बहाई स्थल कही जाने की यह जगह एक उपासना केंद्र है। सफ़ेद रंग में कमल आकर का लोटस टेम्पल वास्तुकला का बेहतरीन उदहारण है जहाँ किसी धर्म की पूजा नहीं की जाती। लोटस टेम्पल सुख, शांति और पवित्रता का प्रतीक है जिसका डिजाइन कनाडा के पर्शियन आर्किटेक्ट फरीबोर्ज सेहबा द्वारा किया गया था।
यहाँ सभी धर्मों के लोग केवल मन की शांति और सुकून का अनुभव करने देश और विदेश से आते हैं। साथ ही यहाँ धार्मिक ग्रंथों को भी पढ़ा जाता है जिसे देखने हर वर्ष लाखों की संख्या में लोग अपने परिवार या दोस्तों के साथ यहाँ घूमने आते हैं। गर्मियों में लोटस टेम्पल सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे और सर्दियों में सुबह 9:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुला रहता है।
इस्कॉन मंदिर, दिल्ली
इस्कॉन मंदिर दिल्ली के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित भगवान श्री कृष्ण को समर्पित हिंदू मंदिर है जिसे हरे राम हरे कृष्ण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण वर्ष 1998 में अंतराष्ट्रीय आर्किटेक्ट अच्युत कानविंदे द्वारा पूर्ण किया गया था। मंदिर पर की गई नकाशी और यहाँ पर दिखने वाले दृश्य काफी आकर्षक होते हैं।
इस्कॉन मंदिर में तीन अलग-अलग मंदिर देखने को मिलते हैं जो राधा-कृष्णा, सीता-राम और गुआर-निताई को समर्पित है। मंदिर में वैदिक कला भवन, वैदिक संस्कृति संग्रहालय, रामायण आर्ट गैलरी देखने को मिलती है। साथ ही यहाँ श्रीमदभगवद गीता के अर्थ को समझाते हुए शो का आयोजन किया जाता है। मंदिरों में भक्तों द्वारा भगवान श्री कृष्ण की बनाई गई काफी सारी चित्रकला पर्यटकों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र होती है।
जंतर मंतर, दिल्ली
जंतर मंतर दिल्ली के कनॉट सर्किल में स्थित एक ऐतिहासिक इमारत है जो भारत की पाँच खगोलीय वेधशालाओं में सबसे बड़ी है। जंतर मंतर का निर्माण 18वीं सदी में महाराजा सवाई जय सिंह ने करवाया था। इसका निर्माण समय और अंतरिक्ष के लिए किया गया था। यहाँ ग्रहों की गति व दशा मापन के लिए कई खगोलीय यंत्र लगाए गए हैं।
जंतर मंतर में दुनिया की सबसे बड़ी पत्थर की सूर्य घडी है जिसे वृहत सम्राट यंत्र कहते है। यह सूर्यघड़ी स्थानीय समय बताती है और ग्रहों की गति नापने के लिए यहाँ विभिन्न यंत्र लगाए गए हैं। जंतर मंतर के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक महत्व की वजह से इसे यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया है। ये भारत के मुख्य पर्यटक स्थलों में से एक बनता है। यह सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
लोधी गार्डन, दिल्ली
दिल्ली के दक्षिणी मध्य इलाके में बना लोधी गार्डन एक आकर्षक पर्यटन उद्यान है जो दिल्ली के सफदरगंज मकबरे और खान मार्किट में स्थित है। लोधी गार्डन को पहले लेडी विलिंग्डन पार्क के नाम से भी जानते थे जिसको आजादी के बाद ‘लोधी गार्डन’ कर दिया गया। इस गार्डन का निर्माण 15वीं शताब्दी में लोधी शासनकाल के दौरान हुआ था।
यहाँ सैय्यद शासक महोम्मद शाह और सिदकेंद्र लोधी की कब्रे हैं। लोधी गार्डन की छत में कुरान शिलालेख के साथ प्लास्टर का काम किया गया है जो कि हिन्दू और इस्लामी वास्तुकला का प्रदर्शन करता है। इस गार्डन का खूबसूरत वातावरण लोगों के लिए सुबह-शाम व्यायाम का केंद्र बन गया है। लोधी गार्डन सप्ताह के सभी दिन सुबह 6 बजे से शाम 7:30 बजे तक खुला रहता है।
प्रगति मैदान, दिल्ली
प्रगति मैदान नई दिल्ली के मथुरा रोड पर स्थित एक परिसर-सह-प्रदर्शनी केंद्र है। पूरा परिसर छोटे-छोटे प्रदर्शनी हॉल में विभाजित है। प्रगति मैदान दिल्ली मेट्रो रेल की ब्लू लाइन शाखा का स्टेशन भी है। 149 एकड़ में फैला यह मैदान एशिया के सर्वोत्तम प्रदर्शनी स्थलों में से एक है।
यह परिसर मुख्य रूप से हर वर्ष लगने वाले विश्व पुस्तक मेला और इंटरनेशनल ट्रेड फेयर के लिए मशहूर है। इस मैदान में कई दर्शनीय स्थल जैसे राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र, द हॉल ऑफ़ नेशनल अद्भुत हस्तशिल्प संग्रहालय एवं स्टेटस पवेलियन आदि मौजूद है। इसके अलावा यहाँ सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है।
नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट दिल्ली
नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट, नई दिल्ली में स्थित कला प्रेमियों के लिए सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है। नई दिल्ली में जयपुर हाउस के मुख्य संग्रहालय को 29 मार्च 1954 के दिन भारत सरकार ने स्थापित किया था। इस गैलरी में 1850 के दशक की पेंटिंग्स और अन्य कलात्मक टुकड़ों को संरक्षित किया गया है।
प्रदर्शनी स्थान के 12 हजार मीटर वर्ग के साथ, दिल्ली शाखा दुनिया के सबसे बड़े आधुनिक कला संग्रहालयों में से एक है। इस गैलरी में 14 हजार से अधिक कलाकृतियों का संग्रह है। संग्रहालय में मुख्य रूप से भारतीय कलाकारों को दर्शाया गया है जिनमे थॉमस डैनियल, प्रफुल्ल दमानुकर, रबीन्द्रनाथ टैगोर, गगनेन्द्रनाथ टैगोर, राजा रवि वर्मा, दयनिता सिंह, जामनी राय, नंदलाल बोस और कई अन्य विदेशी कलाकारों की रचनात्मकता देखने को मिलती है।
यह गैलरी सोमवार को छोड़कर सप्ताह के सभी सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक खुली रहती है।
दिल्ली के दर्शनीय स्थल की सूची से जुड़े प्रश्न
दिल्ली में घूमने के लिए कौन-कौन से दर्शनीय स्थल है ?
दिल्ली में घूमने के लिए लाल किला, राष्ट्रपति भवन, कनॉट प्लेस, कमल मंदिर, अक्षरधाम मंदिर, क़ुतुब मीनार आदि बहुत से दर्शनीय स्थल है।
लोटस टेम्पल के खुलने का समय क्या है ?
लोटस टेम्पल घूमने का समय गर्मियों में सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे और सर्दियों में सुबह 9:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक रहता है।
इस्कॉन मंदिर क्यों प्रसिद्ध है ?
दिल्ली में स्थित इस्कॉन मंदिर भगवान श्री कृष्णा को समर्पित है जहाँ वैदिक कला भवन, वैदिक संस्कृति संग्रहालय, रामायण आर्ट गैलरी आदि देखने को मिलती है।
लोधी गार्डन सप्ताह में कितने समय खुला रहता है ?
लोधी गार्डन सप्ताह में सभी दिन और सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है।