राजस्थान के अनुसूचित जाति/ जनजाति वर्ग के नागरिको को स्वरोज़गार शुरू करने में मदद करने के लिए राज्य सरकार ने दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की है। इस स्कीम की शुरुआत करने की घोषणा राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्तीय साल 2022-23 के बजट को पेश करते समय ही कर दी थी। यह योजना प्रदेश के इन दोनों ही पिछड़े तबके के युवको को अपना स्वयं का रोज़गार गठित करने में आर्थिक मदद देगी। इसके साथ ही लाभार्थी को उचित ट्रेनिंग देने की भी व्यवस्था होगी।
इस लेख में आपको राजस्थान सरकार की नौजवानों के लिए शुरू की गयी योजना के लाभ, उद्देश्य, जरुरी पात्रताएँ एवं प्रमाणपत्र इत्यादि की विस्तृत जानकारी मिलेगी।

राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना
राजस्थान के पिछड़े समुदाय के युवको को योजना से अपने स्वयं का उधम शुरू करने के लिए इनक्यूबेशन कम प्रशिक्षण केंद्रों से मदद मिलेगी। इस योजना के सफल होने एवं अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने 100 करोड़ रुपयों के बजट का निर्धारण किया है। योजना में तैयार किये जा रहे प्रशिक्षण केंद्रों को प्रदेश के दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एन्ड इंडस्ट्री (DICCI) एवं भारतीय परिसंघ की भागीदारी भी करवाई जाएगी।
इसके अलावा स्कीम में चुने गए उद्योगों की स्थापना के लिए रीको/ राजस्थान वेंचर कैपिटल फण्ड को 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी भी मिलेगी। सरकार ने स्कीम के अंतर्गत रीको औद्योगिक क्षेत्रों में दलित एवं आदिवासी समुदाय के इंडस्ट्रलिस्ट के लिए जारी होने वाली भूमि की तय सीमा में वृद्धि करने 2,000 वर्ग मीटर से 4,000 वर्ग मीटर कर दिया है।
Rajasthan Dalit Adivasi Udyam Protsahan Yojana
योजना का नाम | राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना |
सम्बंधित विभाग | राजस्थान सरकार |
उद्देश्य | दलित आदिवासी युवको को स्वरोजगार में मदद देना |
लाभार्थी | दलित और आदिवासी युवक |
माध्यम | जल्द घोषणा होगी |
आधिकारिक वेबसाइट | https://ard.rajasthan.gov.in/home/press-release/84086 |
राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना के उद्देश्य
राजस्थान की सरकार ने प्रदेश के अनुसूचित जाति/ जनजाति वर्ग के युवको को आत्मनिर्भर एवं विकसित बनाने के लिए Rajasthan Dalit Adivasi Udyam Protsahan Yojana की शुरुआत की है। सरकार योजना के लाभार्थियों की हर प्रकार से मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है और अधिक से अधिक लाभार्थियों को योजना से जोड़ने की इच्छा रखती है। सरकार योजना के अंतर्गत 1 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज सब्सिडी भी दी जाएगी। इसके साथ ही लगनेवाली इकाइयों के लिए राज्य वस्तु एवं सेवा कर (S-GST) को 7 वर्षों में 100 प्रतिशत पुनर्भरण भी मिलेगा। इस प्रकार से प्रदेश के नागरिको का सर्वांगीण विकास हो सकेगा और युवको को अपना कारोबार करने में मदद मिलेगी। प्रदेश में आद्यौगिकीकरण में वृद्धि होगी।
योजना में जरुरी पात्रताएँ
राजस्थान सरकार ने इस बहुउद्देश्यीय Rajasthan Dalit Adivasi Udyam Protsahan Yojana में लाभार्थी बनने के लिए कुछ पात्रताएँ भी निर्धारित की है, जोकि इस प्रकार से है –
- प्रदेश में निवास करने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति समुदाय के आर्थिक तौर पर कमजोर, दलित, आदिवासी, अत्यंत अनुसूचित जनजाति एवं आर्थिक रूप से कमजोर परिवार आवेदन कर सकते है।
- उम्मीदवार मूल रूप से राजस्थान का स्थायी निवासी हो।
- प्रदेश के BPL वर्ग के परिवारों को इस स्कीम में प्राथमिकता मिलेगी।
- उम्मीदवार के पास कारोबार की स्थापना के लिए सही योग्यता एवं प्लान हो।
दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना की आवेदन प्रक्रिया
राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना के लिए तय की गयी सभी पात्रताएँ एवं प्रमाणपत्र रखने वाले दलित एवं आदिवासी परिवार के युवक आवेदन करने के लिए थोड़ा प्रतीक्षा करें। प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने योजना के बजट को घोषित किया है। पूर्ण सम्भावनाएँ है कि बहुत जल्दी ही इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया को भी शुरू कर दिया जायेगा। अभी तो सभी उम्मीदवार सम्बंधित ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से योजना की अपडेट लेते रहे।
दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना की विशेषताएँ
- राजस्थान सरकार ने Rajasthan Dalit Adivasi Udyam Protsahan Yojana के लिए 100 करोड़ के बजट को तय किया है जिससे लाभार्थियों को इनक्यूबेशन कम प्रशिक्षण केंद्रों से अपना रोज़गार लगाने में मदद मिलेगी।
- लाभार्थी को मार्जिन मनी 25 प्रतिशत एवं अधिक से अधिक 25 लाख रुपए की अनुदान धनराशि प्रदेश सरकार देने वाली है।
- आयुक्त पारख के अनुसार स्कीम के माध्यम से 25 लाख रुपए के लोन पर 9 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी और 5 करोड़ रुपए तक के लोन पर 7 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी सहित 25 लाख रुपयों की सीमा में परियोजना लागत के 25 प्रतिशत तक के मार्जिन मनी को रखा है।
- इन प्रावधानों से अनुसूचित जाति/ जनजाति के निवेशकों को अपना उद्योग स्थापित करने में प्रेरणा मिलेगी।
- रीको औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यमी को योजना के द्वारा भूमि के आवण्टन में दी जाने वाली धनराशि की किस्तों पर ब्याज में पूर्णतया रिहायत मिलेगी।
- प्रदेश सरकार द्वारा लगभग 75 प्रतिशत की छूट को भूमि परिवर्तन फीस में दिया जायेगा। इसके साथ ही उधमियों को अपना कारोबार की स्थापना करने पर 1 प्रतिशत के अतिरिक्त ब्याज का अनुदान भी मिलेगा।
- भूमि की खरीदारी स्टाम्प ड्यूटी, पट्टा एवं लोन प्रमाणपत्रों पर यह स्कीम लाभार्थी को 100 प्रतिशत तक की रिहायत देने वाली है।
- शुरुआत की 75 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी की रिहायत एवं कारोबार की शुरुआत के बाद योग्य इंडस्ट्रीज की तरफ से जमा होगी। बची रह गयी 25 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी का पुरर्भरण भी होगा।
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दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना में लाभ
- राजस्थान के दलित और आदिवासी समुदाय से सम्बन्ध रखने वाले युवको को Rajasthan Dalit Adivasi Udyam Protsahan Yojana में विशेष लाभ मिलेगा।
- प्रदेश के ये वंचित समुदाय के युवक साथ में ही औद्योगिक क्षेत्र को भी पा सकेंगे चूँकि प्रदेश सरकार इस स्कीम के द्वारा नयी-नयी औद्योगिक इकाईयां स्थांपित करने का काम करेगी।
- प्रदेश के सभी दलित एवं आदिवासी वर्ग के युवक अपने खुद का रोज़गार करने में सफल होने के लिए आर्थिक मदद पा सकेंगे।
- राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना के आने के बाद से प्रदेश में नए रोज़गार के अवसर निर्मित होंगे जिससे बेरोज़गारी की दर में भी कमी होगी।
- दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना से लाभ लेने वाले दलित एवं आदिवासी युवक आने वाले समय में आर्थिक रूप से मजबूत एवं आत्मनिर्भर बन सकेंगे।
राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना की अपडेट
राजस्थान से उद्योग और वाणिज्य विभाग ने राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना की शुरुआत कर दी है। इस स्कीम को लेकर उद्योग आयुक्त महेंद्र पारख के द्वारा उद्योग बिल्डिंग में प्रदेश के सभी बैंको के प्रदेश स्तर के नियंत्रक अधिकारीयों से मीटिंग का भी आयोजन हुआ। उन्होंने मीटिंग में बताया कि जनपद में स्कीम के अच्छे से लागू होने और विस्तृत रूप से प्रचारित करने के साथ तय लक्ष्य को पाने हेतु महाप्रबंधक, जिला उद्योग और वाणिज्य केंद्र, जिले के टॉप मोस्ट बैंक के अग्रणी जिला मैनेजर अपने कार्यक्षेत्र में निर्देशन का कार्य करेंगे।
राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना के प्रश्न
राजस्थान दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना क्या है?
राजस्थान सरकार ने अपने राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर दलित एवं आदिवासी वर्ग के युवको को अपना स्वयं का उद्योग स्थापित करने में आर्थिक मदद देने वाली योजना को शुरू किया है।
दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना राजस्थान में कौन लाभार्थी होंगे?
राजस्थान राज्य में स्थाई निवास करने वाले दलित एवं आदिवासी वर्ग के आर्थिक रूप से पिछले नागरिक ही इस स्कीम में लाभार्थी बन सकेंगे।
दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन राजस्थान योजना में कितना बजट तय किया गया है?
वित्तीय साल 2022-23 में अपने राज्य के बजट के दौरान मुख्यमंत्री ने इस स्कीम के लिए 100 करोड़ रुपयों के बजट का आवण्टन किया है।
दलित आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना राजस्थान में मुख्य लाभ क्या है?
इस स्कीम में सरकार लाभार्थी को उद्योग इकाई की स्थापना में जमीन के हस्तान्तरण के काम में स्टाम्प डूयटी फीस, ब्याज, किस्तों के भुगतान इत्यादि में बहुत छूट देगी।